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Friday, 11 October 2019

Happy Diwali

WHEN DIWALI IN 2018

Happy Diwali


Diwali 2019: First of all First of All Let Me Wish You Happy Diwali 2019. Diwali Puja 2019 is knocking in the door. I hope you will be looking for Diwali 2019 Dates . for Diwali Puja Calendar 2019. In this year 2019 Diwali will be celebrated in the month of 27th Oct. like from every year. Because Diwali is the biggest festival. for Hindus people. celebrate every year in the autumn season. It is an official holiday and mostly celebrates India and Bangladesh. Outside Bangladesh and India. Diwali celebrates in Fiji, Guyana, Malaysia. Myanmar, Nepal, Singapore. Sri Lanka and Tobago. This article helps you to know more information about Diwali Puja 2019.


DIWALI 2018: ORIGIN AND SIGNIFICANCE OF DIWALI

In the Hindu religion has many Historical festivals. The Diwali puja is the one of these. It’s origin in the Era of Lord Rama. Or probably even before that at the time of churning of “Milky Ocean”. when Goddes Ma Lakhmi came out as the boon to the Gods and whole humanity. So Diwali/ Deepavali is the most important festival. For the Hindus religion people. Not only Hindus religion people Diwali celebrate on Sikhs. Jains and Newar Buddhists religion. Every year Diwali celebrates on the month of September or November. See the Deepavali 2017 Dates below


DIWALI 2019 DATES & TIME


Diwali is now knocking in the door!. I hope Hindus religion people are waiting for the Diwali 2019 Date/Time Table. If you want to know about this so our website helps you. Here we have described full details about Diwali Date and Time Table. This year Diwali will start on 27th October 2019 from the Dwadashi. Because Dwadashi is the first Puja of Diwali. It is also called Govasta Dwadashi and Vasu Baras. Then “Trayodashi” on 25th October 2019. After the next day “Chaturdashi” on 29th October 2019.


DIWALI 2018 IN INDIA:

Diwali is the biggest festival in India. Because India is a very big country. Maximum Hindu religion people live in India. This reason Diwali will be celebrated in India as the biggest festival. But Diwali date and time is very important for Indian people. Not only Indian. it is very necessary for Hinduism people. This year Diwali will start on 9th November 2018 from the Dwadashi. This puja will continue 5 Days.

DIWALI 2018 IN BANGLADESH:

Bangladesh lives too much Hindus, religious people. Bangladeshi people celebrate Diwali puja like Indian people. This year Diwali 2019 will be celebrated as like India. Puja will start on Dwadashi. Because Dwadashi is the first puja of Diwali. Dwadashi will be starting on 27th October 2019. This year Diwali puja 2019 will end on after Dwitiya, the date is 1st November 2019.

Conclusion:

This is the conclusion of this article. We hope you are successfully understood and gain our article about Diwali 2019, Dates, Time Table. And we hope it will help these people who celebrate Diwali. Try to share this with your friend circle. If you have any questions. suggestion about this article. so please contact us.


Tuesday, 8 January 2019

Matka

Matka

Water Matka

About Matka :

मटका ( Matka ) : एक गोल या बेलनाकार कंटेनर होता है, मटका ( Matka ) आमतौर पर पानी रखने के लिए उपयोग किया जाता है। मटका ( Matka ) कई प्रकार के होते है।

मटकी ( Matki )  या मटका ( Matka ) एक हिंदुस्तानी शब्द है जिसका इस्तेमाल मिट्टी के बर्तन के लिए किया जाता है।

मटकी ( Matki ) का उपयोग सभी भारतीय उपमहाद्वीप में घर "वाटर स्टोरेज कूलर" के रूप में किया जाता है।

यह प्राचीन काल से उपयोग में रहा है और हर वर्ग के घरों में पाया जा सकता है।

Matka
Matka
यह एक मटका ( Matka ) ( Pot ) है जो पौधों के लिए उपयोग किया जाता है।

water clay matka
water clay matka

यह एक चिकनी मिट्टी का मटका ( Matka ) ( Clay Pot ) है । जो पानी रखने के लिए उपयोग किया जाता है।


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Thursday, 3 January 2019

मकर संक्रांति MAKAR SANKRANTI

मकर संक्रांति ( MAKAR SANKRANTI )

मकर संक्रांति MAKAR SANKRANTI

मकर संक्रांति ( MAKAR SANKRANTI )

मकर संक्रांति हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है. पौष मॉस में सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में जब प्रवेश करते हैं तब इस संक्रांति को मनाया जाता है. इसी दिन से सूर्य की उत्तरायण गति आरम्भ होती है इसलिए इसे उत्तरायणी के नाम से भी पुकारा जाता है. मकर संक्रांति का पर्व जनवरी माह की 13 या 14 वी तिथि को पूरे भारत वर्ष में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है.

उत्तर प्रदेश में 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक के समय को खर मास के रूप में जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि खर मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. यानि मकर संक्रांति से ही पृथ्वी पर अच्छे दिनों की शरुआत होती है. इलाहबाद में गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम पर हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है जो माघ मेले के नाम से विख्यात है. माघ मेले का पहला स्नान मकर संक्रांति से प्रारम्भ होकर शिवरात्रि के आखिरी स्नान तक चलता है.

बिहार में मकर संक्रांति के व्रत को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने एवं दान करने की प्रथा है। गंगा स्नान के पश्चात ब्राह्मणो एवं पूज्य व्यक्तियों में तिल एवं मिष्ठान के दान का विशेष महत्व है.

पंजाब एवं हरयाणा में एक दिन पूर्व (14 जनवरी) लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है. अँधेरा होने पर अग्नि देव में गुड , तिल, चावल और भुने हुए मकई के दानो की आहुति दी जाती हैं। किसान अपनी अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हुए पारम्परिक लोक गीतों पर नाचते गाते हैं. नव विवाहित जोड़ो के लिए एवं नवजात शिशुओं के लिए लोहड़ी का विशेष महत्व है.

बंगाल में भी पवित्र स्नान के बाद तिल की प्रथा है. मकर संक्रांति पर गंगा सागर स्नान विश्व प्रसिद्थ है. पौरानिक कथाओं के अनुसार महाराजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए वर्षों की तपस्या से के गंगा जी को पृथ्वी पर अवतरित होने पर विवश कर दिया थ. मकर संक्रांति के हे दिन महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों का तर्पण किया था और उनके पीछे पीछे चलते हुए गंगा जी कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में समा गई थीं।

तमिलनाडु में पोंगल चार दिन अलग अलग रूप में मनाया जाता है.

  • भोगी पोंगल (कूड़ा करकट जलाने की प्रथा)
  • सूर्य पोंगल ( माँ लक्ष्मी की पूजा)
  • मट्टू पोंगल (पशुधन की पूजा)
  • कन्या पोंगल ( कन्या की पूजा)

चौथे दिन खुले आँगन में मिटटी के बर्तन में खीर है जिसे पोंगल कहते है. सूर्य पूजन के पश्चात पोंगल को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.

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