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Sunday, 1 July 2018

Aansoo Shayari in Hindi

Aansoo Shayari in Hindi



Aansoo Shayari in Hindi



Aansoo Shayari in Hindi

माना कि प्यार किसी का मेरे पास नहीं; मगर तुम्हें मेरी मोहबबत का एहसास नहीं; जाने पी गए हम कितने ग़म-ए-आंसू; अब कुछ और पाने की प्यास नहीं।
कौन रोकेगा अब इन बहती हुई आँखों को; क्योंकि रुलाना तो पुरानी आदत है ज़माने की; एक ही शख्स था जो थाम लेता था हमको; पर अब उसे भी आदत हो गयी है आज़माने की।
क्या मिला प्यार में अपनी ज़िंदगी के लिए; रोज़ आँसू ही पिए हैं मैंने किसी के लिए; वो गैरों में खुशियां मनाते रहे; और हमे अपनी ही हँसी के लिए तड़पाते रहे।
और ज्यादा भड़काते हो तुम तो आग मोहब्बत की; सोजिश-ए-दिल को ऐ अश्को, क्या ख़ाक बुझाना सीखे हो।
दिल में हर राज़ दबा कर रखते हैं; होंठों पे मुस्कुराहट सज़ा के रखते हैं; यह दुनिया सिर्फ ख़ुशी में साथ देती है; इसलिए हम अपने आँसुओं को छुपा कर रखते हैं।
Hasne Ki Justju Mein Dabaya Jo Dard Ko, Aansoo Hamari Aankh Mein Pathar Ke Ho Gaye!!
सुकून अपने दिल का मैंने खो दिया; खुद को तन्हाई के समंदर में डुबो दिया; जो था मेरे कभी मुस्कुराने की वजह; आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया।
Aye Khuda log banaye the pathar ke agar, Mere ehsas ko sheeshesa sa na banaya hota..
Aansuu bhi meri aankh ke ab khusshk ho gaye, Tu ne mere khuloos ki keemat bhi cheen li..
Likhna to tha ke khush hoon tere bager bhi, Aansuu magar kalam se pehle hi girr gaye.
क्या देते किसी को मुस्कुराहट, हम अपने अश्कों से ज़ार-ज़ार थे; क्या देते किसी को ज़िंदगी का तोहफा, हम तो अपनी मौत से बेज़ार थे।
मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे, अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता; मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे; अब यूं इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।
आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई; आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई; आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा; एक अजब ख्वाहिश थी जो अब के बरस पूरी हुई।
Meri aankhon main Ansu aaye na hote, Wo humein dekh kar muskuraye na hote.
Meri aankhon main Ansu aaye na hote, Wo humein dekh kar muskuraye na hote.
सब हसीं चेहरे धोखेबाज़ होते हैं; इस बात का हमें पहले इल्म ना था; अब हुआ इल्म तो रो-रो दिल कहे; किया पहले किसी ने ऐसा जुल्म ना था।
दिल तड़पता रहा और वो जाने लगे; संग गुज़रे हर लम्हे याद आने लगे; खामोश नजरो से देखा जो उसने मुड कर; तो भीगी पलकों से हम भी मुस्कराने लगे।
जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें; आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें; ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया; वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें।
Bedard Zamane Ka Bahana Sa Bana Kar, Hum Toot Ke Rote Hain Teri Yaad Me Aksar.


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